۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
रहबर

हौज़ा / सुप्रीम लीडर ने मंगलवार 26 मार्च 2024 को हमास आंदोलन के पोलित ब्योरो चीफ़ इस्माईल हनीया और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में फ़िलिस्तीन की रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ और ग़ज़ा के अवाम की ऐतिहासिक दृढ़ता की सराहना की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार 26 मार्च 2024 को हमास आंदोलन के पोलित ब्योरो चीफ़ इस्माईल हनीया और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में फ़िलिस्तीन की रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ और ग़ज़ा के अवाम की ऐतिहासिक दृढ़ता की सराहना की। 

उन्होंने कहा कि ज़ायोनी सरकार के अपराधों और दरिंदगी पर जो पश्चिम के भरपूर समर्थन से अंजाम पा रही है ग़ज़ा के अवाम का ऐतिहासिक सब्र बड़ी अज़ीम हक़ीक़त है जिस ने इस्लाम की मर्यादा बढ़ाई और फ़िलिस्तीन के मुद्दे को दुश्मन की इच्छा के विपरीत दुनिया का सबसे अहम मुद्दा बना दिया। 

इस्लामी क्रांति के नेता ने ज़ोर देकर कहा कि ग़ज़ा के अवाम का नरसंहार और इस इलाक़े में जारी नस्लीय सफ़ाया दिल रखने वाले हर इंसान को प्रभावित कर देता है और इस्लामी जम्हूरिया ईरान फ़िलिस्तीन के मसले और ग़ज़ा के मज़लूम व मुजाहिद अवाम के समर्थन में किसी हिचकिचाहट में पड़ने वाला नहीं है।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने विश्व जनमत और इस्लामी दुनिया की जनता विशेष रूप से अरब जगत की जनता की ओर से ग़ज़ा के अवाम के समर्थन को महत्वपूर्ण क़रार दिया और कहा कि फ़िलिस्तीन के रेज़िस्टेंस मोर्चे की प्रचारिक और मीडिया संबंधी गतिविधियां अब तक बहुत अच्छी और ज़ायोनी दुश्मन से आगे रही हैं लेकिन इस मैदान में अभी और काम करने की ज़रूरत है।

रहबरे इंक़ेलाब ने हमास के नेता शहीद सालेह अलआरूरी को याद किया जिन्हें ज़ायोनी हुकूमत ने शहीद कर दिया। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि यह अज़ीम शहीद बड़ी महान हस्ती थे जिनका नेक अंजाम यानी शहादत उनके संघर्षों पर अल्लाह का इनाम था।

हमास आंदोलन के नेता इस्माईल हनीया ने इस मुलाक़ात में इस्लामी जम्हूरिया ईरान की सरकार और अवाम की तरफ़ से फ़िलिस्तीन के समर्थन की सराहना की और कहा कि ग़ज़ा के अवाम और रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ का इन छह महीनों का संघर्ष उनके पुख़्ता ईमान का नतीजा था और इसकी वजह से ज़ायोनी दुश्मन को ग़ज़ा की जंग में अपना कोई भी स्ट्रैटेजिक लक्ष्य हासिल नहीं हुआ।

हमास आंदोलन के नेता का कहना था कि तूफ़ान अलअक़सा आप्रेशन ने ज़ायोनी हुकूमत के अपराजेय होने के तिलिस्म को तोड़ दिया और आज जंग के छह महीने बीत जाने के बाद ज़ायोनी सरकार को भारी नुक़सान पहुंच चुका है, उसके हज़ारों सैनिक हताहत और घायल हो चुके हैं। 

उन्होंने कहा कि ग़ज़ा की जंग एक विश्व युद्ध है और अमरीका में सत्ताधारी टीम ज़ायोनी सरकार के अपराधों में भागीदार है क्योंकि ज़ायोनी हुकूमत की युद्ध मशीन की स्टेयरिंग उसी के हाथ में है।

इस्माईल हनीया ने इस्लामी इंक़ेबलाब के नेता से कहा कि ग़ज़ा में जारी बेपनाह दरिंदगी, अपराधों और नस्लीय सफ़ाए के बावजूद ग़ज़ा के अवाम और रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ पूरी मज़बूती से डटी हुई हैं और ज़ायोनी दुश्मन को कोई भी लक्ष्य पूरा करना का मौक़ा नहीं देंगी।

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